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बरसात से मिली गर्मी से राहत, हुआ सुहावना मौसम | बरसात के कारण सीवर हुए ओवरफ्लो, गलियों और घरों में भरा दूषित पानी।

मानसून से पहले बरसाती नालों की सफाई के दावे हुए फेल।

जहां एक तरफ बारिश से लोगों को गर्मी से राहत मिली है वही महज 20 मिनट की बारिश लोगों के लिए आफत बन गई। बरसात के कारण सीवर  ओवरफ्लो हो गए और  गलियों में दूषित पानी भर गया। प्रशासन के जल निकासी के तमाम दावे फेल होते नजर आए।

पिछले लंबे समय से पड़ रही गर्मी से निजात के लिए लोग बरसात का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। मगर बहादुरगढ़ में महज 20 मिनट हुई बरसात लोगों की परेशानी का सबब बन गयी है। 20 मिनट हुई बरसात के कारण बहादुरगढ़ शहर की कई मुख्य सड़कों और कॉलोनी की गलियों और घरों में पानी भर गया। प्रशासन के जल निकासी के दावे यहां पर फेल साबित हुए हैं । मानसून से पहले बरसाती नालों की सफाई का दावा प्रशासन द्वारा किया गया था। मगर आज महज 20 मिनट की बरसात ने इन दावों की पोल खोलकर रख दी। सीवर ओवरफ्लो होने के कारण कई जगह दूषित पानी गलियों में भरा हुआ है जिसके कारण लोग बेहद परेशान हैं।

मंगलवार की दोपहर को जब अचानक बरसात शुरू हुई तो लोगों के चेहरे खिल उठे। मौसम सुहावना हो गया और यहां तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई । लेकिन लोगों की यह खुशी कुछ देर ही ठहरी। क्योंकि बरसात के कारण शहर के झज्जर रोड, झील वाला मोहल्ला, छोटू रामनगर और देवनगर की कई गलियों में सीवर ब्लाक होने के कारण बरसात का पानी जमा हो गया। कई जगह तो बरसात का पानी घरों में भी घुस गया। मानसून से पहले बहादुरगढ़ नगर परिषद ने लाखों रुपए के टेंडर लगाकर सीवरेज और बरसाती नालों की सफाई करवाई थी। मगर शायद यह सफाई सिर्फ कागजों में ही हुई है क्योंकि धरातल की तस्वीर कुछ और ही बयां कर रही है।

गलियों में पानी भरा होने के कारण वाहन चालकों के साथ-साथ पैदल राहगीरों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गंदे पानी के बीच से मजबूरन लोगों को होकर गुजरना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों ने नगर परिषद के अधिकारियों और चेयरपर्सन से नालो और सीवरेज की सफाई ठीक ढंग से करवाने की मांग की है। ताकि मानसून में यह है स्थिति और भी विकराल ना हो जाए। दूषित पानी गलियों में भरा होने के कारण लोगों में बीमारी फैलने का खतरा भी बना हुआ है।

वही नगर परिषद का कोई भी अधिकारी कैमरे के सामने इस संबंध में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। ऐसे में अब देखना होगा कि आखिर कब तक लोगों की परेशानी खत्म होती है और मानसून की बरसात आने से पहले नगर परिषद पानी निकासी के पुख्ता बंदोबस्त कर पाती है या नहीं।

 

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