पीएम आवास योजना के लाभार्थी खा रहे पांच साल से धक्के,सरकार बोल रही लक्ष्य हो चुका पूरा।
- Submitted By: Haryana News 24 --
- Edited By: Liyakat Ali --
- Tuesday, 30 Jul, 2024
वर्ष 2019 में सालाखेड़ी में 90 गरीब परिवार पीएम आवास योजना के तहत किए गए थे चिन्हित।
प्रदेश व केंद्र सरकार एक तरफ तो गरीबों को पक्के मकान देने का दावा कर रही है। वही सालाहेड़ी के 90 परिवार पांच साल से प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभ हेतु धक्के खा रहे हैं। सरकार में बैठे कुछ अधिकारी सरकार की छवि को धूमिल करने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ रहे। जो जरूरतमंद परिवारों को सरकारी योजनाओं से वंचित रख रहे हैं।
नूंह खंड के गांव सालाहेड़ी के रहने वाले समीम,रफीक ,साहुन, तौफीक,राजू,खुर्शीद, इमरान,हाजरा,वसीमा,हसन मोहम्मद,अफसाना आदि का कहना है कि वर्ष 2019 में हुई सर्वे में उनके गांव के 90 परिवार पीएम आवास योजना के तहत चिन्हित किए गए थे। बाद में दोबारा हुई सर्वे में 22 परिवारों को पात्र मानकर ग्राम सभा द्वारा प्रस्ताव पास कर कर बीडीपीओ कार्यालय में रिपोर्ट भेज दी गई। लेकिन वहां भी भारी झोल हुआ और मात्र दो परिवारों को ही योजना का लाभार्थी माना गया। बताया कि उनकी सालाना आय बेहद कम है और कच्ची झोपड़ी नुमा मकान में रह रहे हैं। बरसात के इस में उनकी टीन टपकती रहती है जिस कारण घरों में पानी भर जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि जब सर्वे पूरी निष्पक्षता से हुई और रिपोर्ट भी बनाकर भेज दी गई तो उन्हें सरकारी योजनाओं से क्यों वंचित रखा जा रहा है। उन्होंने इसकी गंभीरता से जांच करने की मांग की है। बताया कि ग्राम सचिव द्वारा जिन 22 लोगों को पात्र मानकर सूची बनाई गई थी उस सूची के अनुसार सभी को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान के लिए आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए थी। बताया कि जिन लोगों की पहुंच सरकारी कार्यालय में थी वह लोग इसका लाभ ले गए। जबकि वह यह समस्या पृथला विधायक नयनपाल रावत,वक्फ बोर्ड के प्रशासक चौधरी जाकिर हुसैन और ग्रीवेंस कमेटी में डा. मूलचंद शर्मा के समक्ष भी रख चुके हैं। पिछले सप्ताह ही जिला उपयुक्त धीरेंद्र खड़गटा से भी योजना का लाभ देने की गुहार लगाई। वहां से भी उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा।
ग्रामीण आवास योजना का लाभ लेने के लिए लोग पिछले पांच साल से लगातार अधिकारियों और नेताओं के चक्कर लगा रहे है ऐसे में सरकार की योजनाएं खोखली नजर आ रही है।