जन्म - मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने में नूंह स्वास्थ्य विभाग प्रदेश में अव्वल मेवात।
- Submitted By: Haryana News 24 --
- Edited By: Liyakat Ali --
- Saturday, 15 Jun, 2024
जन्म - मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के मामले में हरियाणा में प्रदेश का सबसे पिछड़ा जिला नूंह पहले पायदान पर है। कई मामलों में नूंह जिला भले ही पिछड़ा हो लेकिन इस मामले में नूंह जिले के स्वास्थ्य विभाग का कोई जवाब नहीं है।
डिप्टी सिविल सर्जन डॉक्टर विशाल सिंगला ने बातचीत के दौरान कहा कि नूंह जिला जन्म प्रमाण पत्र बहुत अच्छा काम कर रहा है। हमारे पास जो भी कोई राइट टू सर्विस के अंतर्गत कोई भी आवेदन आता है, जिसका नाम दर्ज न हो, फाइल में देरी हो या फिर कोई त्रुटि रह जाती है। कोई नाम में चेंज करवाना चाहता है, जो भी कुछ है। जैसे ही आवेदन आता है। हमने अपने विभाग को निर्देश जारी किए हुए के सबसे पहले प्राथमिकता के आधार पर उसे उठाया जाए। जिसकी वजह से आज के दिन हमारे पास कोई पेंडिंग आवेदन नहीं है। हमारे पास जो भी कोई आवेदन आता है उसे जल्द से जल्द प्रक्रिया में लाकर उसका निवारण कर देते हैं। आंकड़े की अगर बात किया जाए तो हमारे पास राइट टू सर्विस के अंतर्गत जीरो पेंडेंसी है। हमारे पास कोई फाइल पेंडिंग नहीं है। ना हमारे लेवल पर पेंडिंग है और ना ही प्रदेश स्तर पर पेंडिंग है।
डिप्टी सिविल डॉक्टर विशाल सिंगला ने बताया कि विभाग की जो कार्यशाली है, उससे मेवात की जनता को फायदा हुआ है। मेवात की जनता भी कार्यशैली से पूरी तरह से संतुष्ट है। उनका समय पर काम हो रहा है। हमारे पास 7000 प्रति माह बच्चों का जन्म दर्ज होता है और 5000 - 6000 लोगों की मृत्यु इंद्राज दर्ज किया जाता है। उन्होंने मेवात के लोगों से अपील करते हुए कहा कि सरकार की तरफ से हिदायत आई है कि अगर किसी बच्चे या इंसान का जन्म 2002 से पहले हुआ है और उसका जन्म प्रमाण पत्र में अभी नाम दर्ज नहीं है तो उसके लिए 31 दिसंबर 2024 तक तारीख निर्धारित की गई है। उससे पहले - पहले अपना नाम रिकॉर्ड में दर्ज करा सकते हैं। अन्यथा इसके बाद रिकॉर्ड में नाम दर्ज करने में भारी दिक्कत होगी। मेवात की जनता से अपील है कि जिनके भी 2002 से पहले का जन्म है और जन्म प्रमाण पत्र में उनका नाम दर्ज नहीं है। वह इस अवसर को किसी भी सूरत में ना चुके वर्ना फिर आपको मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। नाम दर्ज न होने से पासपोर्ट बनवाने में दिक्कत आती है। सर्टिफिकेट बनवाने में दिक्कत होती है। शादी का पंजीकरण कराने में दिक्कत होती है। नौकरी इत्यादि में दिक्कत होती है। अगर नहीं कराया तो इसके बाद भारी दिक्कत का सामना हो सकता है। उन्होंने बताया कि नाम दर्ज करने के लिए जहां जन्म हुआ है, वहां से फाइल चलेगी और उसके बाद सिविल सर्जन कार्यालय के जन्म - मृत्यु शाखा में वह आएगी। उसके बाद ही रिकॉर्ड में नाम दर्ज किया जाएगा।