मेवात जिले में भीषण गर्मी के बीच जल संकट विकराल होता जा रहा है। जिले में दर्जनों गांवों में हालात बेकाबू हो रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में पेयजल के लिए त्राहिमाम की स्थिति है। जिले के अधिकतर गांवों में पेयजल सप्लाई न होने के कारण रात को भी पानी के लिए मारामारी हो रही है। रशीद एडवोकेट, किसान नेता, मुबारिक अटेरना,इरशाद मेव,वसीम टूँडलाका,आजम खान मेव आदि ने कहा कि इंसानों के साथ - साथ लोग पशुओं के लिए भी पानी का टैंकर खरीदने को मजबूर हैं। ऐसे हालात के बीच प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रहा है। प्रशासन द्वारा गांवों में टैंकरों से पानी सप्लाई करने के दावे भी हवा - हवाई साबित हो रहे हैं। जिले में स्कूलों, दफ्तरों और अस्पतालों तक में पानी नहीं है। सरकार ने हर व्यक्ति को शुद्ध पेयजल मुहैया करने का वायदा किया।
इसके लिए योजना बनाने की बातें की। सरकार द्वारा हर घर जल योजना स्कीम बनाई भी गई, लेकिन स्थानीय प्रशासन के चलते हर घर जल योजना सिर्फ कागजातों तक ही सीमित रह गई। कागजातों में तो हर गांव में पानी पहुंच रहा है, लेकिन धरातल पर बूंद - बूंद पानी के लिए दर्जनों गांव के लोग तरस रहे हैं। वक्त रहते पेयजल उपलब्ध न होने से अब लोग त्राहिमाम कर रहे हैं। जिले के गांवों में लोग पीने के पानी के लिए तरस गए हैं। कई क्षेत्रों में तो लोग कई किलोमीटर दूर से पेयजल का प्रबंध करने को मजबूर हैं। गांवों में लोगों के मवेशी भी प्यासे मर रहे हैं। जल संकट बढ़ने के चलते टैंकरों के दाम भी आसमान छूने लगे हैं। जिससे गरीब लोगों का जीना दुश्वार है। गरीब लोग पानी का टैंकर खरीदने की हैसियत नहीं रखते, जिसके चलते गरीब लोग पानी के लिए इधर - उधर भटकते रहते हैं। मेवात में हो रहे जल संकट को लेकर सामाजिक लोग आवाज भी उठा रहे हैं, लेकिन स्थानीय प्रशासन कोई सुनवाई नहीं कर रहा है । कई गांव में मटका फोड़ प्रदर्शन भी किया जा चुका है। फिर भी प्रशासन का गांव में पेयजल संकट की ओर कोई ध्यान नहीं।