हर कोई वृक्ष बचाने की कर रहा बात।
करनाल। भीषण गर्मी ने जन जीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त कर दिया है। ऐसा लग रहा है कि सूर्य देवता गुस्सा कर धरती को तपा रहा हैं, मानों वो लोगों को कुदरत के साथ किए जा रहे खिलवाड़ करने की सजा दे रहा हो। भयंकर गर्मी से सड़कें, बाजार सूनी पड़ी हैं, गर्मी से बचाव के लिए एसी कूलर का सहारा लिया जा रहा है। एसी की डिमांड इस कदर बड़ी कि 3 दिन की वेटिंग करने पर एसी भी नसीब हो रहा हैं।यही नही खेती किसानी पर भी असर पड़ रहा हैं। हर किसी की जुबान पर गर्मी से बचाव के लिए एक ही बात हैं कि ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाएं जाए। लोगों की माने तो सुबह 10 बजे के बाद घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो चुका हैं, रातें भी गर्म हो चुकी हैं। लोग मौसम विभाग की ओर देख रहे है कि जिससे पता चल सके कि मानसून कब दस्तक दे रहा हैं। जिससे गर्मी से राहत मिल सके।
करनाल निवासी सतबीर ने बताया पेडों की अंधाधुंध कटाई के कारण दिन प्रतिदिन गर्मी बढ़ रही हैं, उसका असर जन जीवन पर पड़ रहा हैं, दुकानदारों का काम प्रभावित हो रही है। कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति आंशिक रूप से कम हो रही है। पसीना सूखने का नाम नहीं ले रहा, हर कोई मानसून का इंतजार कर रहा हैं। किसानों को भी धान की फसल लगानी हैं, मानसून का इंतजार कर रही हैं। मानसून का इंतजार कर रहा हैं। उन्होंने कहा कि गर्मी के कारण हर कोई परेशान हैं, जहां पर एसी, कूलर की सुविधा नहीं हैं। वहां पर काम करना मुश्किल हो चुका हैं।उन्होंने कहा कि 30 से 35 साल बाद ऐसी भयंकर गर्मी देखने को मिल रही हैं। पेड़ों की कटाई होने के कारण विपरित असर पड़ा हैं, कोरोना काल में लोगों ने पौधो रोपित करने की ओर ध्यान दिया था। लेकिन वो भी अब बेअसर हो गया हैं। अगर लोग अब भी नहीं जागे तो आने वाले दिनों में इससे भी ज्यादा गर्मी का प्रकोप सहने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
सुमेर कारीगर ने कहा गर्मी बहुत ज्यादा हैं, पेट में दर्द हो गया, गर्मी के कारण बैठे-बैठे। रोड पर बैठकर काम कर रहे है, मजबूरी में काम करना पड़ रहा है, कोई ओर काम नहीं कर सकते। क्योंकि इसी काम पर परिवार का पालन पोषण होता हैं। उन्होंने कहा कि वृक्षों के काटने के कारण गर्मी बढ़ रही हैं, पेड़ों कटाई बहुत की गई। आज तक ऐसी भयंकर गर्मी नहीं देखी हैं। वैसे भी लोग गर्मी के कारण घरों से बाहर नहीं निकलते।