अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान दुकानदारों रेहडी पटरी वालों की गई कार्यवाही।
नूंह। जिले के पिनगवां कस्बे में पिछले कई दशक से हो रहे अतिक्रमण पर प्रशासन का पीला पंजा चला। अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान रेहडी - पटरी के अलावा दुकानों के सामने लगे तहत वगैरह हटाने में पुलिस प्रशासन के साथ - साथ ग्राम पंचायत सरपंच मनोज कुमार सहित प्रशासनिक अमला कई घंटे तक जुटा रहा। अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान दुकानदारों रेहडी पटरी वालों में पूरी तरह से हड़कंप मचा रहा। यह पहला अवसर है जब कई दशक बाद बड़े पैमाने पर पिनगवां शहर में न केवल नगीना - होडल मार्ग पर अतिक्रमण हटाया गया बल्कि कस्बे के अंदर के मुख्य बाजार में भी अतिक्रमण हटाओ अभियान सफलता के साथ चलाया गया। पहले बाजार में ग्राहक बाइक लेकर नहीं जा सकते थे, वहां अब बड़ी आसानी से ग्राहक अपनी बाइक ले जाकर खरीदारी कर सकते हैं। पहले बाजार की गलियां काफी सकरी थी और बाइक वगैरह अंदर तक नहीं जाती थी इसीलिए कई बार ग्राहकों की बाइक भी चोरी हो जाती थी। अब इस समस्या से ग्राहकों को निजात मिलने जा रही है तो उन दुकानदारों को झटका लगा है जिन्होंने सरकारी जमीन पर पूरी तरह से कई दशक से अतिक्रमण किया हुआ था।
प्रशासन की इस कार्रवाई से जहां दुकानदारों, रेहडी - पटरी वालों में रोष दिखाई दिया तो आम ग्राहकों से लेकर कई स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन की कार्रवाई को सराहनीय बताया। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए थाना पिनगवां प्रभारी कुलदीप सिंह दलबल के साथ डटे रहे। कुल मिलाकर कई घंटे तक पिनगवां कस्बे में प्रशासन का अतिक्रमण हटाओ अभियान चलता रहा और ग्राम पंचायत के अधीन लगे सफाई कर्मचारी ट्रैक्टर - ट्राली में डालकर तख्त, रेहडी - पटरी इत्यादि सामान को ले जाते रहे। आपको बता दें कि इसी अतिक्रमण की वजह से पिनगवां कस्बे में अकसर जाम जैसी स्थिति बनी रहती थी। कई आला अधिकारियों ने पिछले कई दशक में इस समस्या से निजात पाने के लिए ग्राम पंचायत को बार - बार फटकार लगाई, लेकिन अतिक्रमण हटाओ अभियान महज दिखावा बनकर रह गया। सोमवार को पिनगवां व कस्बे में चलाया गया। अतिक्रमण अभियान अब कितने दिन तक असर डाल पाता है। यह देखने वाली बात होगी कि क्या जिला प्रशासन आगे अतिक्रमण नहीं होने देगा और क्या पहले की तरह ही दुकानदार फिर से अतिक्रमण कर जाम जैसी स्थिति पैदा कर देंगे। यह कई ऐसे सवाल हैं, जिसके लिए जिला प्रशासन व पुलिस को मुस्तैद रहने की आवश्यकता है। तभी जाकर अतिक्रमण कारियों के मंसूबों पर पानी फेरा जा सकता है।