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 भाजपा जिला पार्षद ने अर्धनग्न अवस्था में किया धरना शुरू।

अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की दी चेतावनी।

लंबे समय से चल रही पीने के पानी की समस्या को लेकर उठाना पड़ा यह कदम।

नूंह मेवात। लघु सचिवालय पुनहाना के बाहर खुले आसमान के नीचे भीषण गर्मी में अर्धनग्न अवस्था में प्रदर्शन कर रहे यह भारतीय जनता पार्टी के सिंबल पर जीते वार्ड नंबर 23 के जिला पार्षद फखरुद्दीन एडवोकेट हैं। जिला पार्षद फखरुद्दीन एडवोकेट की अपनी ही सरकार के जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारी व कर्मचारी सुनवाई नहीं कर रहे हैं। जिला पार्षद फखरुद्दीन पिछले डेढ़ साल से अपने वार्ड के अंदर आने वाले करीब दर्जन भर से अधिक गांव के पीने के पानी की समस्या को लेकर अधिकारियों के दर्जनों चक्कर काट चुके हैं, लेकिन उनके कान पर जूं तक नहीं रेंगी। हरियाणा में अफसर शाही बेलगाम है। इस बात को सांसद, विधायक ही नहीं उठाते रहे हैं बल्कि अब पार्टी के जिला पार्षद भी खुलकर मैदान में आ गए हैं।

पारा 40 डिग्री को पार कर रहा है और जिला पार्षद फखरुद्दीन एडवोकेट एवं उनके कुछ सहयोगी अर्धनग्न अवस्था में खुले आसमान के नीचे बैठे हुए हैं। कई घंटे बीत जाने के बाद भी उनकी सुनने के लिए कोई अधिकारी नहीं पहुंचा। अगर जल्दी ही कोई अधिकारी उनकी बात सुनते नहीं पहुंचा तो भीषण गर्मी से अर्धनग्न अवस्था में उनकी तबीयत भी नासाज हो सकती है। आप इसी से अंदाजा लगा सकते हैं कि हरियाणा में अफसर शाही कितनी बेलगाम है। जब पार्टी के चुने हुए नुमाइंदों की ही सुनवाई नहीं हो पा रही है तो आम जनता के प्रति अधिकारी कितने जवाबदेह हैं। इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। दरअसल नूंह जिले में पेयजल की समस्या कोई नई नहीं है, लेकिन हर घर जल योजना से विभाग ने करोडों रुपए खर्च कर हर घर में पर्याप्त मात्रा में स्वच्छ पेयजल के दावे किए थे, लेकिन उनके दावे भीषण गर्मी में हवा हवाई हो गए। जिले के लगभग हर गांव में पीने के पानी की समस्या बनी हुई है। विभाग जलापूर्ति करने में पूरी तरह फलाप रहा है। जिला परिषद फखरुद्दीन के वार्ड में आने वाले बिसरू, फरदड़ी, गुबराड़ी, सिरौली, जहटाना, मुबारिकपुर, पैमाखेड़ा, बड़का, खेड़ा, आंधाकी, लफूरी, नाहरपुर इत्यादि में भीषण जल संकट बना हुआ है। ग्रामीण करीब 1000 - 1500 रूपए का पानी का टैंकर खरीद कर पीने को मजबूर हैं। हर महीने कई टैंकर इस भीषण गर्मी में घर में खर्च हो रहे हैं। ऐसी महंगाई के दौर में घर चलाना आम आदमी को दूभर हो गया है।

कुल मिलाकर जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारी व कर्मचारी कब कुंभकर्णी नींद से जागेंगे और कब नूंह जिले के लोगों को पीने का पर्याप्त मात्रा में पानी मिलेगा। इसका जवाब किसी के पास नहीं है। ग्रीवेंस कमेटी की बैठक हो या जिले में किसी भी आला अधिकारी, मंत्री का दौरा हो तो इलाके के लोग बिजली - पानी की समस्या हर बार मजबूती से उठाते हैं, लेकिन देश की आजादी से लेकर आज तक इस जिले के लोगों की बुनियादी सुविधाएं भी अभी तक पूरी नहीं हो पाई हैं, जबकि यह इलाका देश के सबसे विकसित शहरों में शुमार साइबर सिटी गुरुग्राम लोकसभा का हिस्सा है। एक तरफ गुरुग्राम की ऊंची - ऊंची इमारतें हैं और सभी सुविधाएं इस शहर में हैं और दूसरी तरफ इसी लोकसभा का हिस्सा नूंह जिला आज भी बिजली, पानी, सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहा है। अपने जिला पार्षद की ये तस्वीरें देखकर सूबे की नायब सिंह सैनी सरकार बेलगाम अफसरों पर कोई नकेल कसेगी या फिर जनता और उनके चुने हुए नुमाइंदे इसी तरह धरना - प्रदर्शन करने को मजबूर होते रहेंगे।

 

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