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दानसिंह की हार पर कार्यकर्ताओं का हंगामा। मंच पर किरण चौधरी समर्थक को बुलाने पर हुआ हंगामा।

भिवानी विधानसभा के कार्यकर्ताओं की बैठक लेने पहुँचे थे कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी रहे राव दानसिंह

भिवानी। भिवानी महेन्द्रगढ़ लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी रहे राव दानसिंह की समीक्षा बैठक में हंगामा हो गया। इस दौरान राव दानसिंह ने अपनी हार के लिए इशारों ही इशारों में किरण चौधरी को ज़िम्मेदार बताकर कटाक्ष कर गए। साथ ही अपने प्रतिद्वंद्वी को लेकर कहा कि चौधरी धर्मबीर सिंह मेरे मित्र हैं और वो मंत्री बनते हैं तो मुझे ख़ुशी होगी। 

 भिवानी महेन्द्रगढ़ लोकसभा का चुनाव इस बार कई मायनों में ख़ास रहा। ये चुनाव भाजपा प्रत्याशी चौधरी धर्मबीर सिंह व कांग्रेस प्रत्याशी राव दानसिंह यानी दोनों मित्रों की बीच होने पर काफ़ी रोमांचक रहा, वहीं किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी की टिकट कटने पर शुरू से कांग्रेस में कलह चलती रही। ये कलह नतीजों के बाद आज उस समय देखने को मिली जब राव दानसिंह भिवानी विधानसभा कार्यकर्ताओं की बैठक लेकर समीक्षा करने पहुँचे। इस दौरान किरण चौधरी समर्थक देवराज मेहता को मंच पर बुलाने को कहा कि दानसिंह समर्थन कुछ समर्थकों ने हंगामा कर दिया। 
इस दौरान मीडिया से बातचीत में राव दानसिंह ने सबसे पहले पूरे संसदीय क्षेत्र के मतदाताओं का शांतिपूर्ण तरीक़े से मतदान करने पर आभार जताया। उन्होंने कहा कि हमने भाजपा की साढ़े चार लाख के मार्जिन को 40 हज़ार पर लाए। साथ ही हार को लेकर कहा कि कार्यकर्ताओं ने तो कोई कसर नहीं छोड़ी। जो कमी रही वो नेताओं की रही। उनका इशारा किरण चौधरी की तरफ़ था। उन्होंने शुरू में बिना नाम लिए कहा कि पूरे हरियाणा को पता है कि किसने क्या किया। फिर दावा किया कि इस बार हरियाणा में भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनेगी। क्योंकि पिछली बार एक भी लोकसभा ना जीतने पर कांग्रेस की हरियाणा में 31 सीटें आई थी। अब तो पाँच सीटें जीती है। 

वहीं चुनाव के दौरान किरण चौधरी द्वारा राव दानसिंह पर फोने ना उठाने, किसी कार्यक्रम की सूचना ना देकर अनदेखी के आरोप लगाए थे। इस पर राव दानसिंह ने कहा कि कोई अनदेखी नहीं की। जिसने बहाना बनाना हो वो ऐसे आरोप लगाते हैं। दानसिंह ने कहा कि पहले मैंने किरण चौधरी को फ़ोन किए थे। फिर उन्होंने किए को मैं भाषण दे रहा था। उन्होंने कहा कि किरण कार्यालय के उद्घाटन पर साथ रही और फिर साथ बैठकर मुख़ालिफ़ की।

 राव दानसिंह ने तीसरी बार मोदी के पीएम बनने पर कहा कि उनका 400 पार का नारा कहा गया। जनता ने 240 पर अटका कर बता दिया कि लोकतंत्र ज़िंदा है और सब कुछ उनके हाथ में नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि यही हमारा नारा था कि लोकतंत्र व संविधान को बचाना है। साथ ही कहा कि चौधरी धर्मबीर सिंह मेरे मित्र हैं। वो मंत्री बनते हैं तो मुझे ख़ुशी होगी। दानसिंह ने महेन्द्रगढ ज़िला में अपनी हार व राव इंद्रजीत के जादू चलने के सवाल पर कहा कि वहाँ इंद्रजीत का कोई जादू नहीं चला। वहाँ भाजपा अंतिम समय में कई भ्रम फैला गई, जिसे हम चाहकर भी समय की कमी के चलते पार नहीं पा सके। 

राव दानसिंह अपनी हार में भी जीत मानकर जोश में हैं। पर अपने की मुख़ालिफ़त व कार्यकर्ताओं के हंगामे की टीस से परेशान लग रहे हैं। ऐसे में देखना होगा कि दानसिंह उनकी कांग्रेस पार्टी इस गुटबाज़ी, मुख़ालिफ़त और हंगामे से कब और कैसे पार पाते हैं या नहीं। 

 

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