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भीषण गर्मी का कहर इंसानों के साथ पशुओं पर बड़ी आफत।

पशुओं की दूध देने की क्षमता हुई कम।

पशुपालन विभाग द्वारा पशु पालकों को गर्मी से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी।

करनाल। भीषण गर्मी का कहर लगातार बढ़ता चला रहा हैं, जिसकी चपेट में इंसान ही क्या पशु भी आ चुके है। गर्मी अब जानलेवा बनने लगी हैं, भीषण गर्मी के कहर से बचने के लिए जहां सरकार ने स्वास्थ्य विभाग हो अलर्ट मोड पर रखा हैं, उसी तरह पशुओं को गर्मी के कहर से बचाने के लिए पशुपालन विभाग जुटा हैं, पशुपालकों के लिए कई एडवाइजरी जारी की हैं। वहीं दूसरी किसान अपने-अपने स्तर पर पशुओं को गर्मी से बचाव के लिए तरह-तरह के जतन करने में जुटे हैं ताकि पशुओं पर गर्मी के कहर को कुछ हद तक कम किया जा सके। पशु पालकों की माने तो प्रति पशु 4 से 7 किलोग्राम दूध कम हो चुका हैं।
डॉ बलजीत, उपमंडल अधिकारी, पशुपालन विभाग ने बताया कि पशुओं को गर्मी से बचाने के लिए पशुओं को छायादार जगह पर रखे, पशुओं को लू से बचाकर रखे। पशुओं को धूप में जाने से बचाया जाए, हरे चारे या चारा ठंडे समय में दिया जाए। हर दिन करीब 3 बार पशुओं को ठंडे पानी से नहलाया जाए। हल्का चारा दिया। किसान भाई कोशिश करें कि चारा संतुलित हो। पशुओं को घी या तेल न दिया जाए, इससे पाचन तंत्र में दिक्कत होती हैं। पशुओं को चारा खाने के लिए कोई लालच न दिया, इससे पशु गंभीर रूप से बीमार भी हो सकता हैं।

बहादुर मेहला बलड़ी के किसान और पशुपालक ने बताया सूरज देवता आग बरसा रहा हैं, भीषण गर्मी में पशुओं को बचाने के लिए शेडों पर फव्वारें, कूलर, पंखे आदि लगा रहे हैं। इसके बावजूद भी पशुओं का गर्मी के मारे बूरा हाल हैं। पशुओं की दूध देने की क्षमता कम हुई हैं, पशु बीमार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि लगातार डॉक्टरों को बुलाकर पशुओं का चेकअप करवाया जा रहा हैं। 

 

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