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लू के चलते बढ़ रही आंखों के मरीजों की संख्या।

अस्पतालों में हर रोज पहुंच रहे सौ से अधिक नेत्र रोगी।

जिला नेत्र विशेषज्ञ अधिकारी का आह्वान: धूप में निकलने से बचे,प्रत्येक दो घंटे में धोएं आंख।

नूंह मेवात । मेवात क्षेत्र में भीषण गर्मी और लू का कहर जारी है।कुछ दिन पहले क्षेत्र में तापमान 48 डिग्री तक सेल्सियस पहुंच गया था।हालांकि तापमान में कुछ गिरावट जरूर हुई है।लेकिन भीषण गर्मी अभी भी जारी है। भीषण गर्मी के चलते नूंह जिले में आंखों के मरीजों की संख्या बढ़ गई है।एक जानकारी के मुताबिक जिले के अस्पतालों में हर रोज सौ से अधिक आंखों के मरीज पहुंच रहे हैं।जिसको देखते हुए नूंह में स्वास्थ्य विभाग की ओर से तेज गर्मी और लू से आंखों को बचाने के लिए कुछ हिदायतें भी दी गई है।खास तौर पर भीषण गर्मी और धूप में बाहर निकलने से बचने का आह्वान किया गया है।
जिला नेत्र विशेषज्ञ अधिकारी राकेश मदान का कहना है कि मेवात क्षेत्र में इन दिनों 60 प्रतिशत के करीब आंखों में जलन,तड़का व चुभन आदि के मरीज सामने आ रहे हैं। अधिक तापमान होने के चलते आंखों में सूखापन की शिकायतें सामने आ रही है।20 से 22 वर्ष के बच्चों में आंखों में एलर्जी की शिकायत मिल रही है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक साल गर्मियों में आंखों को लेकर विभिन्न प्रकार की बीमारियां या शिकायतें सामने आती हैं।


लेकिन इस बार तेज तापमान  और अधिक गर्मी के चलते आंखों के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। जिला नेत्र रोज विशेषज्ञ ने कहा कि भीषण गर्मी और अधिक तापमान में आंखों का बचाव करना बेहद जरूरी है  उन्होंने जिलेवासियों से आह्वान करते हुए कहा कि तेज धूप में बाहर  कम निकले।प्रत्येक दो घंटे में आंखों को धोते रहिए। यदि धूप में निकले तो बचाव के लिए धूप के चश्मे का प्रयोग करें।पानी पीने के साथ-साथ आंखों को धोना भी जरूरी है। यदि आंखों में किसी प्रकार की शिकायत महसूस करें तो आंखों के विशेषज्ञ  चिकित्सक को ही दिखाएं। नेत्र विशेषज्ञ चिकित्सक के परामर्श पर ही दवाइयां लें।अपनी मर्जी से दवाइयां के प्रयोग से बचें,ताकि आंखों में इन्फेक्शन का खतरा नहीं बढ़े।उन्होंने कहा कि आंखों में होने वाली परेशानी मौसम के साथ ही कम होती चली जाएगी।लेकिन उससे पहले सावधानियां भी बरतना जरूरी है। नेत्र रोग विशेषज्ञ के मुताबिक आंखों में जलन या एलर्जी होने पर अपनी ओर स कैप्सूल या ड्रॉप का प्रयोग नहीं करें।इससे आंखों में जलन की शिकायत सामने आ सकती है साथ ही गंभीर खतरा भी हो सकता है।सिर्फ नेत्र रोग विशेषज्ञ के परामर्श के आधार पर ही दवाइयां का उपयोग करें।

 

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