Haryana News 24
लोकायुक्त कोर्ट में शिकायत की गई तो खट्टर सरकार ने प्रॉपर्टी आईडी सर्वें करने वाली याशी कम्पनी को किया ब्लैकलिस्ट।
Monday, 13 May 2024 18:30 pm
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अब नायब सैनी सरकार ने कम्पनी व अधिकारियों को बचाने के लिए दी क्लीनचिट।

याशी कम्पनी के गलत सर्वें के कारण कुल 8.02 लाख सम्पति मालिकों ने कुल करीब 18.75 लाख ऑब्जेक्शन दर्ज कराए

सरकार ने सर्वें कम्पनी को कुल 62.63 करोड़ रुपये का किया भुगतान

 
पानीपत। प्रदेश के सभी शहरों में प्रॉपर्टी टैक्स सर्वें हुए बड़े फ़र्ज़ीवाड़े की शिकायत लोकायुक्त में जाने पर सर्वें करने वाली जिस याशी कम्पनी को पिछले वर्ष 12 सितंबर को तत्कालीन खट्टर सरकार ने ब्लैक लिस्ट किया था,करोड़ों रुपये की बकाया पेमेंट रोकते हुए ठेका कार्य रद्द कर दिया था । उसी याशी कम्पनी को अब नायब सिंह सैनी सरकार ने क्लीनचिट दे दी है । मामले की सुनवाई आगामी 16 जुलाई को लोकायुक्त जस्टिस हरिपाल वर्मा करेंगे ।

लोकायुक्त कोर्ट में 19 जुलाई 2023 को मामला ले जाने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने आरोप लगाया कि इस फ़र्ज़ीवाड़े में संलिप्त 12 आईएएस सहित निकाय विभाग के 90 कर्मचारियों व याशी कम्पनी को बचाने के लिए नायब सिंह सैनी सरकार ने यह कारनामा किया है । क्योंकी याशी कम्पनी के सर्वें की फ़िज़िकल वेरिफिकेशन किये बगैर ही इन अधिकारियों ने साइन ऑफ सर्टिफिकेट जारी करके इन अधिकारियों ने कम्पनी को करोड़ों रुपये पेमेंट करवा दी । 
 
कपूर ने बताया कि उनकी शिकायत पर लोकायुक्त जस्टिस हरिपाल वर्मा ने एंटी करप्शन ब्यूरो से जाँच करवाने के बाद शहरी निकाय विभाग के प्रधान सचिव से जाँच रिपोर्ट मांगी थी । इस पर शहरी निकाय विभाग के चीफ विजिलेंस ऑफिसर जे एस बोपाराए ने गत 6 मई को लोकायुक्त को दी अपनी जांच रिपोर्ट में सभी सरकारी अफसरों व याशी कम्पनी को क्लीनचिट दे दी है । जबकि इसी जाँच रिपोर्ट में खुद चीफ विजिलेंस ऑफिसर ने स्वीकार किया कि फिजिकल वैरिफिकेशन का रिकॉर्ड शहरी निकाय निदेशालय व नगर निकायों के अधिकारी उन्हें नहीं दे पाए।

कपूर ने बताया कि इस जाँच रिपोर्ट मुताबिक ही निकाय विभाग के प्रॉपर्टी आईडी /एनडीसी पोर्टल पर दिनांक 16 नवंबर 2022 से दिनांक 21 मार्च 2024 के बीच 15 महीनों में कुल 8,02,480 सम्पति मालिकों ने कुल 18,74,676 आपतियाँ दर्ज करवाई । यानि हर महीने औसतन 53,523 सम्पति मालिक कुल करीब 1.25 लाख आब्जेक्शन दर्ज करा रहे हैं । इन कुल दर्ज ऑब्जेक्शन्स मे से ज़रूरी दस्तावेजों के अभाव में 2,92,376 आब्जेक्शन रद्द कर दिये गये। जबकि 90,217 मामले आवेदकों के पास तो 24047 मामले नगर निकायों मे लंबित हैँ । प्रदेश के सभी 88 शहरों में प्रॉपर्टी आईडी का सर्वें करने वाली जयपुर की याशी कम्पनी ने कुल 42,70,449 सम्पतियों का सर्वें किया । इनमें से करीब 21.35 लाख सम्पतियाँ तो खाली प्लॉट,निर्माणाधीन अथवा तालाबंद भवन थे फिर भी इनका भुगतान कम्पनी को कर दिया।

सर्वें में इतनी बड़ी धांधली, फ़र्ज़ीवाड़ा और लोगों की परेशानी के बावजूद सरकार ने सर्वें कम्पनी कुल 62.63 करोड़ रुपये की पेमेंट भी कर दी ।कम्पनी ने आधी पेमेंट तो खाली प्लाटों की प्रॉपर्टी आईडी बना कर ले ली।

कपूर ने आरोप लगाया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की यह फ्लैगशिप योजना बड़े भृष्टाचार के चलते प्रदेशवासियों के लिए जी का जंजाल बन कर रह गई । आज तक रोजाना हज़ारों लोग अपनी प्रॉपर्टी आईडी के ऑब्जेक्शन ठीक कराने के लिए धक्के खा रहे हैं , दलालों के पास लुट रहे हैं । कहीं कोई सुनने वाला नहीं।


आरोप लगाया कि सरकार ने इस घोटाले में शामिल 12 आईएएस के दबाव में ही याशी कमनी को क्लीन चिट दी है।