एक ही प्रॉपर्टी आइडी पर कई जमीनों की हो रही रजिस्ट्री, जमीनों की रजिस्ट्रियों में गोलमाल!
- Submitted By: Haryana News 24 --
- Edited By: Punit Sheoran --
- Saturday, 04 May, 2024
प्रॉपर्टी आईडी सहित दस्तावेजों में खामियां बताकर जनता को लौटाया जा रहा बैरंग
मामले की जानकारी गुप्तचर विभाग ने दी डीसी को ।
जांच कमेटी करेगी जमीनों की रजिस्ट्री में हुई गोलमाल की जांच
चरखी दादरी। चरखी दादरी में एक ही प्रॉपर्टी आईडी पर कई जमीनों की खुलेआम रजिस्ट्री करवाई जा रही है। मामला जब गुप्तचर विभाग के संज्ञान में आया तो डीसी को शिकायत करते हुए मामले की जांच करने बारे सिफारिश की। जिस आधार पर डीसी द्वारा जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी की अध्यक्षता में जांच कमेटी का गठन करते हुए जांच के निर्देश जारी किए हैं। वहीं शिकायतकर्ताओं ने राजस्व अधिकारियों पर मनमर्जी के नियम बनाते हुए पैसों के चक्कर में रजिस्ट्री करने के आरोप लगाये हैं। उधर राजस्व अधिकारी ने उच्चाधिकारियों का नाम ले अपना पल्ला झाड़ लिया है।
चरखी दादरी में जो लोग अपनी जमीनों की रजिस्ट्री करवाने संबंधित विभाग में पहुंचते हैं तो उनसे मेहनताना मांगते हुए अपने खास वकील के पास दस्तावेज तैयार करवाने भेजा जाता है। अगर मेहनताना नहीं दिया तो प्रॉपर्टी आईडी सहित अन्य दस्तावेजों में खामियां बताते हुए बैरंग लौटा दिया जाता है। अनेक ऐसी रजिस्ट्री भी सामने आई जिनकी एक ही प्रॉपर्टी आईडी पर कई जमीनों की रजिस्ट्रियां की गई हैं। शिकायतकर्ता जितेंद्र जटासरा ने दस्तावेजों के साथ राजस्व अधिकारियों पर पैसे लेकर रजिस्ट्री करवाने व गलत रजिस्ट्री करने के आरोप लगाये। वहीं अधिवक्ता संजीत तक्षक ने बताया कि कुछ अधिकारियों ने अपने मनमर्जी के नियम बनाये हैं। अनेक ऐसे मामले हैं जो नियमों को ताक पर रखकर रजिस्ट्री तैयार की गई हैं। मामले में उन्होंने ठोस कार्रवाई की मांग उठाई है
वहीं मामला सामने आने पर गुप्तचर विभाग द्वारा डीसी मनदीप कौर के संज्ञान में लाया गया तो उन्होंने जिजा परिषद कार्यकारी अधिकारी को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। जांच अधिकारी द्वारा एसडीएम, जिला राजस्व अधिकारी व नायब तहसीलदार को जांच के लिए बुलाया भी है। अब जांच के आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी।
उधर जिला राजस्व अधिकारी संजय कुमार का कहना है कि रजिस्ट्री मामले में उनके विभाग द्वारा नियमों की अनदेखी नहीं की है। अगर ऐसा है तो जांच के दौरान वे दस्तावेज व नियमों के साथ अपना पक्ष उच्चाधिकारियों के पास रखें।