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पूर्व विधानसभा स्पीकर कुलदीप शर्मा ने चुनाव को लेकर बनाई आगे की रणनीति।

कुलदीप के बेटे को करनाल लोकसभा से टिकट मिलने की थी उम्मीद।

करनाल। जाट धर्मशाला में आज कांग्रेस की तरफ से मीटिंग की गई। ये मीटिंग पूर्व विधानसभा स्पीकर कुलदीप शर्मा ने बुलाई थी। इस मीटिंग में तमाम कार्यकर्ता पहुंचे हुए थे। इस मीटिंग में आगे को लेकर रणनीति तैयार की गई। दरअसल चर्चा थी कि कुलदीप शर्मा के बेटे चाणक्य पंडित को करनाल लोकसभा से टिकट मिल सकता है, पर उनके हाथ निराशा हाथ लगी, जिसके चलते वो करनाल लोकसभा के उम्मीदवार कांग्रेस नेता दिव्यांशु बुद्धिराजा के कार्यक्रम में भी नजर नहीं आ रहे थे। जब कुलदीप शर्मा से तमाम मुद्दों पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि टिकट ना मिलना हमारे परिवार के लिए कोई नई बात नही है। हमें कोई निराशा नहीं हुई बल्कि जनता को निराशा हुई है। वहीं दिव्यांशु बुद्धिराजा पर बोलते हुए कहा कि वो लड़ाके हैं, युवाओं के नेता हैं।

जब उनसे पूछा गया आप उस दिन नजर नहीं आए जिस दिन करनाल में दिव्यांशु का स्वागत हुआ था, उन्होंने कहा कि उस दिन सोनीपत में भी कार्यक्रम था, मेरी विधानसभा भी वही हैं, मेरी उपस्थिति वहां ज़रूरी थी। जब उनसे दिव्यांशु के ऊपर दर्ज हुए मामलों के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि जवाहर लाल नेहरू भी 10 साल जेल में रहे, महात्मा गांधी जेल में रहे, भगौड़ा शब्द का इस्तेमाल करना सीएम के लिए शोभा नहीं देता। ये मामले मनोहर लाल सरकार में दिव्यांशु के ऊपर दर्ज हुए थे और ये मामले कोई हत्या , डकैती के नहीं बल्कि पर्चे चिपकाने के हैं। उन्होंने कहा कि दिव्यांशु जहां कहेंगे हम वहां जाएंगे, कांग्रेस को मजबूत करने के लिए गांव गांव जाएंगे। जब उनसे पूछा गया कि कुछ निर्दलीय विधायक आज कांग्रेस को समर्थन कर सकते हैं तो उन्होंने कहा कि कुछ विधायक तो मेरे साथ जाकर ही पार्टी के नेताओं से मिले हैं। बात साफ है चुनाव है तो कहीं नाराजगी है और कहीं मनाने का दौर जारी , देखना होगा चुनावों में आगे क्या माहौल बनता है।


 

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