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भाजपा सरकार गिराने के लिए जेजेपी हैं कांग्रेस में शामिल होने के लिए तैयार।

जेजेपी नेता दिग्विजय चौटाला का पूर्व सीएम भूपेन्द्र सिंह हुड्डा को किया चैलेंज

हरियाणा सरकार अल्पमत में है तो हुड्डा गिरते क्यों नहीं है सरकार। 

सरकार गिराने का मौक़ा मिनटों में होता है, घंटों या दिनों में नहीं।

भिवानी।  जननायक जनता पार्टी के नेता दिग्विजय चौटाला ने पूर्व सीएम भूपेन्द्र सिंह हुड्डा को चैलेंज किया की वह  हरियाणा में भाजपा सरकार गिर कर दिखाएं। हरियाणा में तीन निर्दलीय विधायकों द्वारा सरकार से समर्थन वापस लेकर कांग्रेस को अपना समर्थन देने पर बड़ा सियासी संग्राम छिड़ गया। ऐसे में मौक़े पर चौका मारते हुए जेजेपी ने हुड्डा को अब हरियाणा की भाजपा सरकार गिराने का चैलेंज दिया है। साथ ही जेजेपी ने ज़रूरत पड़ने पर हुड्डा का साथ देने का भी वादा किया है। 

 हरियाणा में जब से भाजपा व जेजेपी का गठबंधन टूटा है। तब से सियासत हर रोज़ नया मोड़ ले रही है। पहले तो सीएम को बदला गया, फिर नए मंत्रिमंडल बनाने पर अनिल विज की नाराज़गी जग ज़ाहिर हुई। अब हरियाणा की भाजपा सरकार को समर्थन दे रहे तीन विधायकों ने सरकार से समर्थन वापस लेकर पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष भूपेन्द्र हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस को अपना समर्थन दे दिया। इसके बाद हरियाणा का सियासी पार अचानक हाई हो गया। 

ऐसे में जेजेपी ने भी मौक़ा देख कर चौका मारा है। या यूँ कहें कि एक तीर से दो निशाने साधे हैं। भिवानी में जेजेपी के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय चौटाला ने पूर्व सीएम भूपेन्द्र सिंह हुड्डा को चैलेंज किया। उन्होंने कहा कि हुड्डा सच में भाजपा के हाथों में नहीं खेल रहे तो अब भाजपा सरकार को गिराएँ। उन्होंने कहा कि खुद हुड्डा ने तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन के बाद कहा कि हरियाणा सरकार अल्पमत में है तो वो सरकार गिराए। साथ ही कहा कि भाजपा सरकार को गिराने में कांग्रेस या हुड्डा को जेजेपी के 10 विधायकों की ज़रूरत पड़ी तो वो साथ देने को तैयार हैं। 
 दिग्विजय चौटाला ने यहाँ तक कहा कि सरकार गिराने का काम मिनटों का होता है। घंटो या दिनों का नहीं। उन्होंने कहा कि हुड्डा को शाम होने से पहले राज्यपाल के पास जाकर अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहिए था। अब भी वो सुर्य उदय से पहले अविश्वास प्रस्ताव लाएँ। वहीं जेजेपी के पास खुद उनके सभी 10 विधायक ना होने के सवाल पर दिग्विजय ने कहा कि ये क़ानून है कि पार्टी विधायक को पार्टी के फ़ैसला को मानना होगा। वहीं दिग्विजय चौटाला ने आरोप लगाया कि हुड्डा भाजपा के इशारे पर काम करते हैं। तभी उन्होंने जेजेपी के बीजेपी से अलग होती ही अविश्वास प्रस्ताव लाए थे, ताकि अब अविश्वास प्रस्ताव ना आए। इसको लेकर भाजपा सरकार को 6 महीने का समय मिल जाए। 


 तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के सियासी घटनाक्रम को जेजेपी ने मौक़े पर लपक लिया है। दिग्विजय ने भाजपा के साथ हुड्डा यानी कांग्रेस को चैंलेज कर एक तीर से दो निशाने साधे हैं। ऐसे में देखना होगा ये सियासी संग्राम किसे सीधे तौर पर और किसे अंदरूनी तौर पर फ़ायदा पहुँचाता है। 


 

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