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पांच विधायकों का कम होना यह साबित करता है सरकार बहुमत से बाहर , नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री दे इस्तीफा - दुष्यंत चौटाला

सरकार को घेरने का कांग्रेस अगर कदम उठाए , तो जेजेपी करेगी बाहर से समर्थन।

अभी नई सरकर बनी है इसके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है - दुष्यंत चौटाला 

अगर अब फ्लोर टेस्ट होगा तो हमारे सभी विधायक विहिप के अनुसार सरकार को घेरेंगे

हिसार - हरियाणा के तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन कांग्रेस को मिलने के बाद सियासी गलियारों में हलचल मच गई है। लोकसभा चुनाव से पहले ही प्रदेश के राजनीतिक समीकरण बदलने लगे हैं। पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला का कहना है कि सरकार को गिराने के लिए वह बाहर से समर्थन देने को तैयार है। वहीं भागी विद्यायकों पर कारवाई करने तैयारी जेजेपी कर चुकी है, बताया जा रहा है कि जोगीराम सिहाग, रामनिवास सुरजाखेड़ा तथा देवेंद्र बबली को नोटिस जारी किए गए हैं। 


हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि इस समय बीजेपी की सरकार अल्पमत में हैं, अगर सरकार को गिराया जाए तो हम सरकार गिराने में बाहर से समर्थन करेंगे। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि तीन विधायकों के समर्थन वापस लेने से प्रदेश की भाजपा सरकार अल्पमत में आ गई है। सीएम नायब सिंह सैनी को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए नहीं तो उन्हें बहुमत पेश करना चाहिए। राज्यपाल से लिखित में आग्रह करेंगे कि दो विधायक इस्तीफा दे चुके हैं, तीन समर्थन वापस ले चुके हैं।

सरकार के पास 5 विधायक कम हो चुके हैं। ऐसे में राज्यपाल सरकार को बहुमत परीक्षा पास करने को कहें। नेता प्रतिपक्ष को कहना चाहूंगा कि आज के गणित के हिसाब से कदम उठाया जाए तो हम चुनाव के दौरान ही सरकार को गिराने में सहयोग देने पर पूरी तरह से विचार करेंगे। उन्होंने कहा कि जजपा की टिकट पर चुनकर आए सभी विधायकों को व्हीप के अनुसार वोट देने होंगे। हमने तीन विधायकों को नोटिस जारी कर दिया है। अभी तक उनकी की ओर से जवाब नहीं आया है।

पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि पार्टी विरोधी गतिविधि का रिकॉर्ड हमारे पास हैं। हमारे पास तीनों विधायकों की वीडियो रिकॉर्डिंग और पोस्टर हैं। मीडिया के पूछने पर भी दुष्यंत चौटाला ने इन विधायकों का नाम नहीं बताया। उन्होंने कहा कि अभी कुछ हमारे पास भी रहने दो। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि लोकसभा चुनाव की वोटिंग से पहले हम तीनों विधायकों पर कार्रवाई कर देंगे। नियम के अनुसार पहले विधायक को नोटिस जारी कर जवाब लेना होता है

 

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