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दुर्गा अष्टमी के दिन दर्जनों छात्राएं पहुंची एडमिशन लेने, नहीं मिला एडमिशन।

स्कूल के गेट के बाहर रघुपति राघव राजा राम के गए भजन ।

बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ सिर्फ एक जुमला,  स्कूलों के पास नहीं है पर्याप्त सुविधाएं।

 यमुनानगर। एक तरफ लड़कियों के पढ़ने पर जोर दिया जा रहा है सरकार तरह-तरह के दावे करती है। लेकिन दूसरी तरफ सरकारी स्कूलों में एडमिशन के लिए बेटियो को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मामला यमुनानगर के कैंप क्षेत्र का है जहां मॉडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल में एडमिशन के लिए पहुंची लगभग तीन दर्जन छात्राओं को एडमिशन देने से मना कर दिया गया। इलाका की पूर्व पार्षद निर्मला चौहान भी उनके साथ रही। पहले तो इस स्कूल का गेट ही बंद कर दिया गया। जिसके बाद बच्चियों ने कड़ी धूप में स्कूल के बाहर खड़े होकर रघुपति राघव राजा राम का कीर्तन किया। लगातार गेट खटखटाने के बाद गेट खोला गया और बच्चियों को एडमिशन देने से साफ मना कर दिया गया।

 निर्मला चौहान का कहना है कि सरकार एक तरफ बड़े-बड़े दावे करती है दूसरी तरफ इन बच्चियों को एडमिशन नहीं मिल रहा। इलाके में सिर्फ यही एक स्कूल है और आबादी 60000 से अधिक है।

 वही बच्चियों ने कहा कि वह आठवीं पास कर चुकी हैं नौवी कक्षा में इस स्कूल में एडमिशन लेना चाहती है लेकिन एडमिशन नहीं दिया जा रहा। अब वह कहां जाएंगे उनका साल बर्बाद हो जाएगा।

 जिला शिक्षा अधिकारी सुमन बामणी का कहना है कि उन्होंने प्रिंसिपल से बात की है जिसने बताया है कि वहां 1800 से अधिक की संख्या विद्यार्थियों की हो चुकी है जिसके चलते पोर्टल एडमिशन नहीं ले रहा ।वह इस वह इस मामले को स्वयं देखेंगे और कोई भी बच्चा बिना एडमिशन के नहीं रहेगी, ऐसी कार्रवाई की जाएगी

एक तरफ दुर्गा अष्टमी के दिन कन्याओं का पूजन हुआ वहीं कन्या एडमिशन के लिए दर-दर भटक रही हैं। जिला शिक्षा अधिकारी ने आश्वासन जरूर दिया है देखना होगा उसे पर क्या और कब तक कार्रवाई हो पाती है।

 

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