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बहादुरगढ के शौर्य अरोड़ा ने यूपीएससी परीक्षा में हासिल किया 14वां रैंक।

आईआईटी बॉम्बे से ग्रैजुएट है शौर्य। आईआईटी में भी 432 वीं रैंक हासिल की थी शौर्य ने। दूसरे प्रयास में सफलता हासिल की है शौर्य ने। शौर्य ने कहा- सही मार्गदर्शन में बिना कोचिंग भी सफलता मिल सकती है।

सोशल मीडिया से रहती थी दूरी। खेल और टीवी पर फिल्में देखना है पसंद।

यूपीएससी परीक्षा 2024 के परिणामों में बहादुरगढ़ छाया हुआ है। बहादुरगढ़ के ही रहने वाले शौर्य अरोड़ा ने यूपीएससी परीक्षा में अपने दूसरे प्रयास में 14 वां रैंक हासिल किया है। इसी परीक्षा में बहादुरगढ़ के ही शिवांश राठी ने 63 वां और अभिलाष सुन्दरम ने 421 वां रैंक हासिल कर लिया है। शौर्य अरोड़ा ने आईआईटी बॉम्बे से मैकिनीकल इंजिनियरिंग की हुई है। आईआईटी में भी शौर्य की 432 वीं रैंक आई थी।पढाई में शुरू से ही प्रतिभाशाली रहे शौर्य ने बचपन से ही आईएएस बनने का सपना देखा था । शौर्य के पिता भूषण अरोड़ा भी यूपीएससी की परीक्षा दे चुके हैं लेकिन सफलता नही मिली तो बेटे में अपना सपना जीने लगे थे। शौर्य का कहना है कि सही मार्गदर्शन में बिना कोचिंग के भी सफलता मिलती है। वो हर रोज करीबन 7 घंटे पढाई किया करता था। पेपर के दिनों में 10 घंटे तक भी पढ़ाई की है। शौर्य का कहना है कि उसकी सफलता में उसके पूरे परिवार का सहयोग और भावनात्मक साथ रहा है।

शौर्य की उपलब्धि पर माता पिता बेहद खुश है। उनका कहना है कि उनके बेटे ने उनका गौरव बढ़ाने का काम किया है। वे शौर्य की उपलब्धि से बेहद खुश है। उन्होंने कहा कि शौर्य परिवार के बेहद करीब है और हर बात परिवार के साथ साझा करता है। उनका कहना है कि देश और समाज की सेवा में शौर्य अपना योगदान देगा।

शौर्य ने अपनी 12वीं तक की पढ़ाई नॉन मैडिकल स्ट्रीम से की है।आईआईटी बॉम्बे से पढ़ाई करते हुए ही उसने अपना पहला अटैम्पट दिया था लेकिन सफलता नही मिली। लेकिन उस पहले अटैम्पट ने उसे सफलता का रास्ता दिखा दिया था।शौर्य का कहना है कि किसी भी लक्ष्य का हासिल करने के लिए जुनून और सही मार्गदर्शन बेहद जरूरी है।

 

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