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डॉक्टरों की लापरवाही ने ली महिला की जान।

पंचकूला सेक्टर-6 सिविल अस्पताल में बच्ची के जन्म के बाद संदिग्ध परिस्थितियों में घायल महिला की पीजीआई में मौत ।

पंचकूला।  सेक्टर-6 सिविल अस्पताल में बच्ची के जन्म के बाद संदिग्ध परिस्थितियों में घायल महिला की पीजीआई में मौत हो गई है। मौत के बाद परिजनों ने एक बाद फिर सेक्टर-6 सिविल अस्पताल के डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। काजल के पति हरविंदर सिंह और भाई मोहन लाल ने आरोप लगाया है कि पीजीआई रेफर करने में सिविल अस्पताल के डॉक्टरों ने देरी की। इस कारण काजल की मौत हुई है। सिर पर चोट लगी होने के अलावा हाथ में एक और पैर में दो जगह फ्रैक्चर होने के बाद भी उसका सीटी स्कैन और एक्सरे नहीं किया गया। सिर पर चोट लगने के कारण काजल बार-बार बेहोश हो रही थी।इसकी जानकारी भी घरवालों को नहीं दी गई। वहीं जब वह पूरी तरह से बेहोश हो गई तो उसे पीजीआई रेफर कर दिया गया। पीजीआई पहुंचने पर डॉक्टरों ने एंबुलेंस में तैनात स्टाफ को फटकारा था। इसके बाद डॉक्टरों ने उसे भर्ती किया। तीन दिन इलाज के बाद काजल की मौत हो गई। अब पीजीआई में उसका पोस्टमार्टम होगा। इसके बाद उसका दाह संस्कार किया जाएगा। काजल की बेटी को जन्म के बाद पीलिया की शिकायत हुई थी। शिकायत होने के बाद उसे निक्कू वार्ड में भर्ती किया गया था।

6 अप्रैल को काजल के सिर में चोट लगी होने की वजह से उनको आईसीयू में भर्ती किया गया था। करीब 2:30 बजे उनकी मौत हो गई है।जांच कमेटी से नहीं मिला कोई न्याय काजल के पति हरविंदर सिंह ने बताया कि कमेटी ने तीन दिन जांच की। इसके बाद मेडिकल बोर्ड बनाया गया। कमेटी की जांच किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंची। उन्होंने आरोप लगाया कि सात सदस्यीय मेडिकल बोर्ड का गठन कर काजल का मेडिकल किया गया था। इस मामले में अहम काजल के बयान थे। काजल की मौत के बाद अब यह रहस्य लग रहा है।सुबह 5 बजे तक ठीक थी काजल महिला काजल 4 अप्रैल वीरवार को शाम 7 बजे गायनी वार्ड से निक्कू वार्ड में गई थी। वहां पर ननद उसके साथ थी। रात 11 बजे ननद निक्कू वार्ड से बाहर निकल गई। इसके बाद निक्कू वार्ड में एक महिला ने सुबह 5 बजे काजल को देखा। उसने बयान दर्ज कराया है कि तब वह पूरी तरह ठीक थी। भाई मोहनलाल ने बताया कि उसकी बहन काजल के साथ संदिग्ध परिस्थितियों में वारदात हुई है। यह वारदात सुबह 5 से 7 बजे के बीच हुई है। काजल इमरजेंसी के नीचे बुरी तरह से घायल अवस्था में 5 अप्रैल की सुबह को मिली थी। इसके बावजूद डॉक्टरों ने उसका इलाज नहीं किया। कोमा में ही मंगलवार को उसकी मौत हो गई।


परिजनों के आरोपों का नहीं कोई जवाब 24 घंटे बिना जांच के अस्पताल में रखा, तबीयत बिगड़ने पर रेफर किया था।काजल बार-बार बेहोश हो रही थी। सिर में दर्द होने की जानकारी परिजनों को नहीं दी।सिर में दर्द होने के बाद भी ईसीजी, सीटी स्कैन नहीं कराया गया है।पैर दो जगह से टूटा होने के बाद भी उसका एक्स-रे नहीं कराया गया है।ऑक्सीजन लेवल कम होने के बाद उसे वेंटिलेटर की सुविधा नहीं दी ।


अस्पताल की ओर से कमेटी ने सभी पहलुओं की जांच की है। इस रिपोर्ट पुलिस को सौंप दी गई है। इस मामले की कार्रवाई पुलिस की एसआईटी कर रही है। महिला की मौत के मामले में परिजनों के बयान दर्ज करने के बाद जांच जारी है। महिला के फोन की जांच के लिए एफएसएल में भेजा गया है। -

काजल की मौत के बाद रायपुररानी के गांव रामपुर ठड्यो के लोग मौके पर सेक्टर-6 सिविल अस्पताल पहुंचे। इस दौरान उनके परिजनों के साथ सरपंच व आस पास के लोग मौजूद रहे। काजल के पति हरविंदर सिंह और पिता ने इस मामले में जांच करने वाले अधिकारियों से जांच के बारे में जानकारी देने का कहा। उन्होंने कहा कि अगर इस मामले में अगर पुलिस डॉक्टरों सहित सभी को क्लीनचिट दे रही है तो क्यों दे रही है। अगर किसी प्रकार की कार्रवाई की है तो क्या कार्रवाई है। उनकी मांग है कि कार्रवाई की जांच की जानकारी उन्हें दी जाए।

 

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