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श्रुति का वर्चस्व, दानसिंह महेन्द्रगढ़ तक सीमित !

हरियाणा में कांग्रेस टिकट बँटने पर सियासत हुई तेज ।

भिवानी महेन्द्रगढ़ लोकसभा से भाजपा प्रत्याशी चौधरी धर्मबीर सिंह का बड़ा दावा

कांग्रेस देश में 250 सीटों पर ही चुनाव लड़ रही है और बहुमत के लिए 272 सीट चाहिए।

हरियाणा में बंसीलाल, देवीलाल, भजनलाल व राव बीरेन्द्र सिंह के परिवारों का वोटबैंक आज भी।  

चौधरी धर्मबीर सिंह ने रामबिलास शर्मा की नाराज़गी को बताया मज़ाक़

भिवानी। हरियाणा में कांग्रेस द्वारा लोकसभा सीट बाँटने के बाद सियासत तेज हो गई है। लेकिन भिवानी महेन्द्रगढ़ से भाजपा प्रत्याशी चौधरी धर्मबीर सिंह की मानें तो कांग्रेस ना देश में और हरियाणा में कहीं टिक पाएगी। उन्होंने भिवानी कांग्रेस प्रत्याशी राव दानसिंह को अपने एक हलके तक सीमित बताया और टिकट कटने के बाद भी कहीं ना कही श्रुति चौधरी का वोट व वर्चस्व ज़्यादा बताया। 

 हरियाणा में लोकसभा चुनाव के मैदान में अभी केवल भाजपा अकेली थी। अब कांग्रेस के उम्मीदवार आने पर मुक़ाबले रोमांचक होंगे। पर भिवानी महेन्द्रगढ़ से भाजपा प्रत्याशी चौधरी धर्मबीर सिंह का कहना है कि कांग्रेस ना देश में और हरियाणा में कहीं मुक़ाबले में मानते। उनका कहना है कि देश में बहुत के लिए 272 सीट चाहिए जबकि कांग्रेस लड़ ही क़रीब 250 सीटों पर रही है। ऐसे में ये सभी (विपक्षी) मिली जुली सरकार बनाकर भाजपा का मुकाबला करना चाहते पर लोग विकसित भारत देखना चाहते हैं। 

 चौ धर्मबीर सिंह का कहना है कि देश ही नहीं, कांग्रेस हरियाणा में भी रोहतक के अलावा कहीं मुक़ाबले में नहीं। वहीं भिवानी से कांग्रेस प्रत्याशी राव दानसिंह को टिकट मिलने पर कहा कि मोदी लहर में उनका फ़ॉक्स महेन्द्रगढ़ विधानसभा को ही बचाने पर रहेगा। धर्मबीर सिंह जेजेपी प्रत्याशी राव बहादुर को भी कहीं मुक़ाबले में नहीं मान रहे। वहीं कांग्रेस कीं संभावित प्रत्याशी रही श्रुति चौधरी की टिकट कटने पर चौधरी धर्मबीर ने इशारों ही इशारों में श्रुति को दानसिंह के मुक़ाबले कहीं ज़्यादा मज़बूत बताया। उन्होंने कहा कि आज भी बंसीलाल को हरियाणा को नंबर वन बनाने के लिए जाना जाता है। धर्मबीर सिंह के कहा कि हरियाणा में बंसीलाल, देवीलाल, भजनलाल व राव बीरेन्द्र सिंह के परिवारों का वोट व वर्चस्व है। 

 

राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी माने जाने वाले चौधरी धर्मबीर सिंह ने राव दानसिंह को एक विधानसभा तक सीमित बताकर और श्रुति चौधरी को मज़बूत बताकर एक तीर से दो निशाने साधे हैं। वहीं रामबिलास की नाराज़गी को मज़ाक़ बता कर टाला है। ऐसे में देखना होगा कि हर बार बड़े मार्जिन से जीतने वाले धर्मबीर सिंह की ये चाणक्य नीति क्या रंग लाती है। 

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