बहादुरगढ के अभिलाष सुंदरम ने यूपीएससी परीक्षा की पास। चौथा प्रयास में हासिल की 421 वीं रैंक।
- Submitted By: Haryana News 24 --
- Edited By: Manoj Dalal --
- Wednesday, 17 Apr, 2024
त्रिवेणी स्कूल के संचालक एस श्याम का बेटा है अभिलाष।
बचपन से आईएएस बनने का सपना था अभिलाष का। पिता के सपने को बचपन से जीता आ रहा है अभिलाष।
रैंक सुधारने के लिए आगे भी प्रयास करेगा अभिलाष।
बहादुरगढ़। अभिलाष सुंदरम ने यूपीएससी परीक्षा परिणाम में 421वीं रैंक हासिल की है। अपने चौथे प्रयास में अभिलाष ने यह सफलता पाई है। उसकी इस उपलब्धि से वह और उसका परिवार खुश है लेकिन सफर अभी खत्म नहीं हुआ है। अभिलाष का कहना है कि ऑल इंडिया में पहली रैंक हासिल करना उसका लक्ष्य है। उस लक्ष्य को पाने के लिए प्रयास जारी रहेंगे।
शहर के नेहरू पार्क में रहने वाले अभिलाष त्रिवेणी स्कूल के मालिक एस श्याम के बेटे हैं। शुरुआती पढ़ाई अपने ही स्कूल से की है। कक्षा 12वीं (नॉन मेडिकल) में अअभिलाष ने 95 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे। इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज से बीएससी (फिजिक्स ऑनर्स) की। पढ़ाई में होशियार अभिलाष बचपन से ही देश के लिए कुछ करना चाहते थे। उन्हें एयरोस्पेस इंजीनियर बनना था। इंडियानापोलिस पर्ड्यू यूनिवर्सिटी में चयन भी हो गया था लेकिन पिता एस श्याम उसे आईएएस बनाना चाहते थे। पिता के इस सपने को अभिलाष ने अपनी आंखों से देखना शुरू कर दिया। शुरुआत में एक साल दिल्ली में एक साल कोचिंग ली। फिर इसके बाद घर पर ही तैयारी जार रखी। पहले, दूसरे प्रयास में प्री क्लीयर नहीं हुआ। फिर मेंस के पहले प्रयास में भी चूंक गए लेकिन हार नहीं मानी। चौथे प्रयास में आखिरकार परीक्षा पास कर ली और देशभर में 421वीं रैंक हासिल की। परिजनों और परिचितों ने अभिलाष का मुंह मीठा कराया। देर शाम तक अभिलाष व उसके परिवार को बधाई देने का तांता लगा हुआ था।
अभिलाष की मां संगीता वर्मा त्रिवेणी स्कूल की डायरेक्टर हैं। बड़ी बहन वसुंधरा ज्वैलरी डिजाइनर और अनुष्का को कलोदिंग ब्रांड का बिजनेस है। माता-पिता सहित पूरे परिवार ने अभिलाष की सफलता पर खुशी जताई है। साथ ही ये उम्मीद भी जताई कि आगामी प्रयासों में अभिलाष यकीनन आॅल इंडिया टॉप करेगा। वहीं अभिलाष ने कहा कि पूरे परिवार, दोस्तों, शिक्षकों ने बहुत स्पोर्ट किया है। परीक्षा पास होने पर खुशी है लेकिन अभी सफर यहीं खत्म नहीं हुआ। देशभर में पहली रैंक हासिल करने के लिए वह और कड़ी मेहनत करेंगे।
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