करनाल में पर्यावरण बचाने की अनोखी पहल।
- Submitted By: Haryana News 24 --
- Edited By: Himanshu Narang --
- Saturday, 01 Jun, 2024
मकान बनाने में पेड़ बना बाधा तो पर्यावरण प्रेमी ने पेड़ बचाने के लिए काट दी छत।
पेड़ में देखते है माँ की छवि, घर के मुख्य द्वार पर भी बनी है पेड़ की आकृति, वन विभाग ने दी शाबाशी।
करनाल। एक और जहां लोग भीषण गर्मी से त्रस्त हैं और इससे राहत पाने के लिए किसी पेड़ का साया ढूंढते हैं वहीं एक पेड़ की कीमत समझाने के लिए करनाल के व्यक्ति ने अनोखी मिसाल पेश की है। आमतौर पर आपने लोगों को घर या दुकान बनाने के लिए पेड़ काटते देखा होगा लेकिन पेड़ को बचाने के लिए अपने घर की छत को काटते हुए किसी ने शायद ही देखा हो। देश मे निर्माण कार्यों के लिए हर वर्ष हजारों पेड़ों की बलि दे दी जाती है लेकिन करनाल में एक परिवार ऐसा भी है जो जिसने एक पेड़ को बचाने के लिए अपने घर के लेंटर को ही काट डाला। इसके लिए उन्होंने अपने घर के डिजाइन खराब होने की भी परवाह नहीं की। प्रकृति और इंसान के बीच तालमेल का एक उत्तम उदाहरण पेश करते हुए करनाल के इस परिवार ने ग्लोबल वार्मिंग के खिलाफ एक संदेश देने का प्रयास किया है। पर्यावरण के प्रति इस परिवार की दीवानगी कहिए या फिर मां की यादों को संजोने का बहाना, विशाल शर्मा के परिवार ने घर में मां के हाथों से लगाए एक आम के पेड़ को बचाने के लिए अपने नए बन रहे घर के लिए पेड़ काटने बजाए अपनी छत को काटना ही बेहतर समझा। घर की छत के बीच में से निकला आम का यह पेड़ बरबस ही सबका ध्यान अपनी और आकर्षित करता है।
विशाल शर्मा ने बताया कि करीब 17 साल पहले उनकी मां और बच्चों ने मिलकर अपने घर के आंगन में एक आम का पेड़ लगाया था जो अब काफी बड़ा हो गया था। जब उन्होंने पुराने घर को तोड़कर नया घर बनाना चाहा तो यह पेड़ उनके निर्माण कार्य के बीच में आ रहा था। राज मिस्त्री ने घर की छत डालने के लिए इस पेड़ को काटने की बात कही तो उन्होंने राजमिस्त्री से कुछ ऐसा करने को कहा कि पेड़ भी बच जाए और घर की छत भी बन जाए। इसके लिए उन्होंने राज मिस्त्री से घर की छत में इस तरह से सुराग करने को कहा कि पेड़ उसके अंदर से निकलकर खुले आसमान में बिना बाधा के फल फूल सके। घर के मालिक की भावनाओं को देखते हुए राजमिस्त्री ने आखिरकार घर के लेटर में सुराख करके पेड़ को उसके बीच से निकाल दिया जिससे एक हरा भरा पेड़ कटने से बच गया। विशाल ने बताया कि हमारी गली में एक भी पेड़ नहीं था जिससे गली बेजान सी लगती थी, ऐसे में हमने अपने पेड़ को बचाने का निर्णय लिया ताकि हमारे गली का पर्यावरण साफ और शुद्ध रह सके।
जिला वन अधिकारी जय कुमार ने विशाल शर्मा की इस अनोखी पहल की सराहना करते हुए कहा की अन्य लोगों को भी इससे सीख लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पेड़ हमारे जीवन दाता है हमें इन्हें काटने की बजाय इनका संरक्षण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमने प्रदेश में प्राण वायु देवता के नाम से योजना चलाई है जिसके तहत पेड़ों पुराने पेड़ों को पेंशन दी जाती है। इसके तहत करनाल में 112 पेड़ों को पेंशन दी जा रही है। इसके पीछे सरकार की मंशा पेड़ों को बचाने और संरक्षित करने की है।