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हरियाणा का छोरा आदित्य रानोलिया ने बनाई पहली बॉलीवुड हिंदी फिल्म

5 अप्रैल को होगी फिल्म रिलीज, हिसार हुआ फिल्म का ट्रेलर लॉन्च ।

 हिसार। जिले के हांसी में रहने वाले आदित्य रानोलिया ने हरियाणा की पृष्ठभूमि से निकलकर पहले ऐसे डायरेक्टर प्रोड्यूसर और लेखक की उपलब्धि हासिल की है जिसने बॉलीवुड हिंदी फिल्म बनाई है। आदित्य रानोलिया की बनाई गई फिल्म 'द लॉस्ट गर्ल" 5 अप्रैल को रिलीज होने जा रही है और शनिवार को हिसार में उसका ट्रेलर लॉन्च किया गया।

आदित्य रानोलिया हांसी के एक छोटे किसान परिवार से संबंध रखते हैं और हिसार की गुरु जंभेश्वर यूनिवसिज़्टी से मास कम्युनिकेशन की पढ़ाई करने के बाद से ही मुंबई में रहकर फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े हुए हैं। पिछले 18 सालों से मुंबई में आर्ट स्टूडियो ऐड मेक इंडिया मीडिया के माध्यम से बड़े-बड़े प्रोडक्शन हाउस से जुड़कर कई बड़ी फिल्मों के सेट डिजाइनिंग का काम आदित्य रानोलिया ने किया है। अब आदित्य रानोलिया ने अपने बैनर एआर फिल्म्स व एआर स्टूडियो से फिल्म निर्माण क्षेत्र में कदम रखते हुए 1984 के दंगों पर आधारित फिल्म दी लॉस्ट गर्ल के निर्माण, निर्देशन और लेखन का काम किया है। यह ऐसी पहली बॉलीवुड फिल्म है जिसे हरियाणा के निर्देशक ने निर्देशित किया हो और पूरी तरीके से हरियाणा की पृष्ठभूमि पर बनी हो। इस फिल्म की अधिकतर शूटिंग हांसी, हिसार, राखीगड़ी और आसपास के क्षेत्र में हुई है और यह फिल्म 1984 में अपने परिवार से बिछड़ गई एक लड़की की दुखदाई कहानी है। फिल्म में काफी कलाकार हरियाणा के ही हैं और इसे थियेटर में पैनोरमा स्टूडियो (कुमार मंगत पाठक) के द्वारा देशभर में रिलीज किया जा रहा है। पैनरोरमा स्टूडियो की हाल ही में रिलीज हुई फिल्म शैतान ब्लॉकबस्टर साबित हुई है, जिसने अब तक 200 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की है। ये स्टूडियो इस से पहले दृश्यम, ओमकारा, प्यार का पंचनामा जैसी सुपरहिट फिल्में रिलीज कर चुका है। दी लॉस्ट गर्ल के अलावा आदित्य के निर्देशन, लेखन व निर्माण के तहत दो फिल्में 444 डेज इन ए सिटी और 7 सिस्टर्स भी जल्द रिलीज होंगी।

फिल्म के ट्रेलर लांच के मौके पर आदित्य रानोलिया ने बताया कि द लॉस्ट गर्ल रहस्य, रोमांच और आत्म-खोज की यात्रा की एक सम्मोहक कहानी है। ये दिल और रूह को झिंझोड़ देने वाली हिंदी फिल्म है. जोकि 1984 में हुए भीषण सिख दंगों पर आधारित है। कहानी के अनुसार दंगो के दौरान एक 5 साल की लड़की अपने परिवार से बिछड़ जाती है और उसके परिवार के सभी लोग दंगों में मारे जाते हैं। इसमें दिखाया गया है कि कैसे 15 साल के कठिन संघर्ष, प्रयासों और अत्याचारों से लड़कर लॉस्ट गर्ल अपने मुकाम को हासिल करती है।

उन्होंने बताया कि फिल्म दशर्कों के रोंगटे खड़े कर देगी। ये बहुत ही प्रेरणादायक है और बच्चों को मोटिवेट भी करती है। यह फिल्म एक सफल लड़की की कहानी है और एक ऐसी पारिवारिक फिल्म है जिसका लम्बे समय से दर्शकों को इंतज़ार था। ये फिल्म उन सभी अनाथ बच्चों को समर्पित है जो ऐसे भीषण दंगो में अपने परिवार को खो देते है और दुनिया में अकेले रह जाते है। फिल्म का म्यूजिक पिछले महीने मुम्बई में पैनोरमा म्यूजिक कंपनी द्वारा रिलीज किया गया था और फिल्म के गाने बहुत ही मनमोहक व आत्मीय हैं। ये बड़े पर्दे की पहली पूर्ण हरियाणवी फिल्म है।

 

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