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मलेरिया और डेंगू को लेकर अलर्ट स्वास्थ्य विभाग नूंह

मलेरिया एवं डेंगू को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट है। राहत की बात यह है कि वर्ष 2024 में अभी तक एक भी मलेरिया में डेंगू का केस नूंह जिले में सामने नहीं आया है। स्वास्थ्य विभाग ने मलेरिया एवं डेंगू से निपटने के लिए 111 टीम फील्ड में उतार दी हैं। जो हाउस टू हाउस जाकर लोगों की स्लाइड तैयार कर लैब में टेस्ट करा रही है।

डॉ विक्रम डिप्टी सिविल सर्जन ने बताया कि वर्ष 2022 में दो केस और बीते साल वर्ष 2023 में 5 केस मलेरिया के सामने आए थे। वर्ष 2024 में अभी तक कोई केस सामने नहीं आया है। 2023 में आकेड़ा, कोटला, बिरसीका, मालब, गोहाना गांव में मलेरिया के सामने आए थे। यह सभी गांव आपस में कम दूरी पर हैं, इसलिए इस इलाके पर स्वास्थ्य विभाग की खास नजर है। एक्टिव सर्विलांस यहां पर रखी जा रही है। बरसात में जल भराव को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग उन सभी घरों में स्लाइड तैयार कर रहा है। जहां किसी भी व्यक्ति को 15 से 1 महीने के अंदर बुखार आया हो। इसके अलावा वर्ष 2015 में सबसे ज्यादा हरियाणा में 5000 मलेरिया के केस अकेले नूंह जिले में सामने आए थे, जो हरियाणा के 21 जिलों से भी अधिक थे। इसलिए यह जिला स्वास्थ्य विभाग के फोकस पर रहता है। स्वास्थ्य विभाग ने वर्ष 2017-18 में हजारों मच्छरदानी इलाके के लोगों को वितरित की थी ताकि मच्छर के काटने से बचा जा सके। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि न केवल 111 टीम में मलेरिया की जांच कर रही हैं। आशा वर्कर की हेल्प भी ली जा रही है। उन्होंने कहा कि काला तेल जलभराव की जगह पर डाला जा रहा है या गड्ढों को मिट्टी से समतल करने की सलाह दी जाती है। जलभराव में टेमीफोर्स दवाई डाली जाती है। साथ ही गंबूजिया मछली डाली जाती है, जो मच्छर के लार्वा को खा जाती है। डॉक्टर विक्रम डिप्टी सिविल सर्जन ने बताया कि इन दिनों एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल चल रही है। उससे ऑफिस के कामकाज पर तो असर पड़ रहा है, लेकिन फील्ड में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आ रही है। 

कुल मिलाकर बरसात के सीजन को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग मलेरिया एवं डेंगू से निपटने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। राहत की खबर यह है कि अभी तक एक भी केस जिले में सामने नहीं आया है। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से भी सहयोग की अपील की है।


 

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