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अनीमिया को दूर करने में सभी विभाग बखूबी निभाएं अपनी जिम्मेदारियां ।

100 दिनों तक चलेगा अनीमिया जागरूकता के लगाए जाएंगे शिविर ।

 महिलाओं और बच्चों में अनीमिया की अब नहीं रहेगी कमी।
 
नूंह मेवात। मेवात की महिलाओं व बच्चों में अब एनीमिया की कमी नहीं रहेगी। एनीमिया की कमी से अब किसी गर्भवती महिला व बच्चों की जान नहीं जाएगी। खून की कमी महिलाओं व बच्चों में अधिक पाई जाती है, लेकिन हरियाणा में सबसे ज्यादा खून की कमी नूंह जिले की महिलाओं व ज्यादा बच्चों में पाई जाती है। इसकी सबसे बड़ी वजह खान - पान का ठीक नहीं होना और बार - बार गर्भधारण करना है। खून की कमी की वजह से डिलीवरी के समय जच्चा - बच्चा दोनों को खतरा रहता है। अब इस कमी को दूर करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने 100 दिन तक जागरूकता अभियान को अच्छे से चलाने को लेकर सम्बन्धित अधिकारियों को उचित दिशा - निर्देश दिए।

    डिप्टी सिविल सर्जन डॉक्टर विशाल सिंगला ने कहा कि अनीमिया को लेकर चलाने जाने वाले अभियान के लिए सभी विभाग के अधिकारी संयुक्त रूप से इस अभियान को चलाएं और अभियान के दौरान संयुक्त रूप से स्कूलों, आंगनवाड़ी केन्द्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में जागरूकता शिविर लगाए जाएं। उन्होंने कहा कि अनीमिया को लेकर महिलाओं को जागरूक होना जरूरी है। महिलाएं जागरूक होंगी तो अनीमिया से बचना आसान होगा। 

डॉक्टर विशाल सिंगला ने कहा कि अनीमिया मुक्त हरियाणा का उद्देश्य अनीमिया के चक्र को तोड़ना है। इसके लिए शुरूआत में छह अलग - अलग आयु वर्ग को लक्षित किया गया है। इनमें छोटे बच्चे 6 महीने से 59 महीने तक, स्कूल जाने वाले 5 वर्ष से 9 वर्ष, किशोरों में 10 वर्ष से 19 वर्ष, महिलाआं में 20 वर्ष से 49 वर्ष और गर्भवती महिलाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है। 

उन्होंने बताया कि अनीमिया मुक्त हरियाणा अभियान चलाकर जिला के हर वर्ग के लोगों के खून की जांच की जाए। इसके बाद एचबी के आधार पर ट्रीटमेंट दिया जाएगा। अनीमिया को देखते हुए संतुलित आहार, नियमित आयरन की खुराक, कृमि नियंत्रण और जीवन शैली पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि 11 जून से शुरू होने वाले इस जागरूकता अभियान में सभी विभाग व स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाएं। साथ ही अपने अधीन नोडल अधिकारियों व अध्यापकों की ट्रेनिंग करवाना सुनिश्चित करें।

डिप्टी सिविल सर्जन ने बताया कि एनीमिया का मतलब है कि शरीर में खून की कमी होना। हमारे शरीर में हिमोग्लोबिन एक ऐसा तत्व है जो शरीर में खून की मात्रा बताता है। मनुष्य एनीमिया का शिकार तब होता है जब शरीर के रक्त में लाल कणों या कोशिकाओं के नष्ट होने की दर, उनके निर्माण की दर से अधिक हो जाती है। आमतौर पर लोग खून की कमी को हल्के में लेते हैं, जिससे कई स्वास्थ्य समस्याएं होने का खतरा बढ़ जाता है। 100 दिनों तक अलग-अलग जगहों पर शिविर लगाए जाएंगे और इलाज भी किया जाएगा। स्कूली बच्चों को लेकर स्वास्थ्य विभाग का फोकस रहेगा।

 

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