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हरियाणा गौशाला संघ ने दी सरकार को चेतावनी

 बजट न मिलने पर नंदियों को रोड पर छोड़ेंगे

चुनाव आचार संहिता हटने तक करेंगे इंतजार

पानीपत । रविवार को गौशाला महासंघ की राज्य स्तरीय बैठक में प्रदेश के लगभग सभी जिलों के अध्यक्ष, कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। बैठक में गौशालाओं के लिए बनाई गई विभिन्न पॉलिसियों का विरोध किया। दरअसल, गौशालाओं के लिए सरकार ने 456 करोड़ रुपए बजट बनाया था, लेकिन एक साल में सिर्फ 80 करोड़ रुपए ही जारी किए गए, जिससे हरियाणा गोशाला महासंघ नाराज है।

महासंघ के प्रदेश संयोजक कुलवीर खर्ब ने कहा कि इसको लेकर पानीपत में जीटी रोड स्थित श्री गोशाला सोसायटी में बैठक की गई है। सभी ने एकमत होकर कड़ा फैसला लिया है कि अगर सरकार, आचार संहिता हटने के बाद गोशाला संघ की मांगों को पूरा नहीं करेगी, तो प्रदेश की सभी गौशालाओं के दरवाजे खोल दिए जाएंगे। सभी नंदियों को सड़कों पर छोड़ दिया जाएगा।

खर्ब ने कहा कि गोशाला में चारा, कंस्ट्रक्शन और अन्य सुधार के लिए प्रति गोवंश 750-750 रुपए एक साल में दो बार जारी किए गए, इसके बाद राशि नहीं दी गई। इतना ही नहीं चारा ग्रांट के लिए डॉक्यूमेंट मंगा लिए, 31 मार्च से पहले देने की बात कही थी, लेकिन राशि दी नहीं। ग्रांट मिली होती तो गेहूं की कटाई से गोशाला वाले चारा स्टॉक कर लेते।

इसके अलावा दारू की बोतल पर एनवायरमेंट एंड एनिमल वेलफेयर सेस लगाकर हर माह 100 करोड़ रुपए जमा किए गए हैं, लेकिन अब तक खर्च नहीं किया। इसी तरह से सड़कों पर घूम रहे पशुओं को गोशाला में रखने पर छोटे पशु के लिए 20 रुपए प्रतिदिन, गाय के लिए 30 रुपए और नंदी यानी सांड के लिए 40 रुपए प्रतिदिन देने की घोषणा की गई

जनवरी से ही गोशालाओं ने आवारा पशुओं को लेना शुरू कर दिया, लेकिन सिर्फ भिवानी में एक गोशाला को पैसा दिया है। अन्य किसी भी गौशाला को ये राशि नहीं दी गई। इसके अलावा सरकार ने एक अन्य पॉलीसी गौचराण जमीन बनाई थी। जिसमें नई गौशाला खोलने के लिए 100 गोवंश पर पौना एकड़ जमीन और 100 गौवंश के लिए चारा बिजाई के लिए डेढ़ एकड़ जमीन का प्रावधान किया था।

लेकिन पॉलिसी बनने के 4 साल बाद तक भी यह पॉलिसी लागू नहीं की गई। आज तक किसी भी गौशाला को एक इंच जमीन भी नहीं मिली। इसलिए मांग है कि ऐसी कोई भी पॉलिसी न बनाई जाए, जिससे कि गौभक्तों में रोष हो।


बैठक में प्रदेश अध्यक्ष रोहतक निवासी जगदीश मलिक, प्रदेश महामंत्री सिरसा से अजीत सिहाग, प्रदेश उपाध्यक्ष राजरूप पानू पानीपत, प्रदेश कोषाध्यक्ष लाजपत कत्याल, पानीपत जिला अध्यक्ष रविंद्र कादियान, पशु कष्ट निवारण समिति के सह कोषाध्यक्ष सविता आर्या, कुरूक्षेत्र जिला अध्यक्ष जितेंद्र शर्मा, सोनीपत जिलाध्यक्ष सतपाल शर्मा, संयोजक कुलवीर खर्ब मुख्य रूप से शामिल हुए।

 

 

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